31 Veer Savarkar Quotes in Hindi | वीर सावरकर के अनमोल विचार – Veer Savarkar Ke Vichar

Veer Savarkar Quotes in Hindi विनायक दामोदर सावरकर – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के जाबांज और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे सावरकर एक लेखक, विचारक, कवि, महान चिंतक ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। इन्हें वीर सावरकर के नाम से संबोधित किया जाता है ये एक हिन्दूराष्ट्रवादी थे इन्हें हिंदुत्व विचारधारा को विकसित करने का श्रेय जाता है।

वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र के विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढंग से लिपिबद्ध किया है। उन्होंने 1947 के प्रथम स्वातंत्र्य समर का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।

वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार भी थे। उन्होंने किसी कारण से परिवर्तित हुए हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने हेतु लगातार प्रयास किये एवं इसके लिए आन्दोलन चलाये। उन्होंने भारत की एक सामूहिक “हिंदू” पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा।

वीर सावरकर जैसे क्रन्तिकारी व्यक्ति के विचार आज हर व्यक्ति को जानने चाहिए इनके ओज्वसी एवं प्रेरित विचार Veer Svarkar Quotes in Hindi आपको अवश्य प्रेरित करंगे।

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Veer Savarkar Quotes in Hindi

1. महान लक्ष्य के लिए किया गया कोई भी बलिदान व्यर्थ नहीं जाता है।

वीर सावरकर के अनमोल विचार
2. अपने देश की, राष्ट्र की, समाज की स्वतंत्रता- हेतु प्रभु से की गई मूक प्रार्थना भी सबसे बड़ी अहिंसा का द्योतक है।

Veer Savarkar Thoughts In Hindi
3. वर्तमान परिस्थिति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इस तथ्य की चिंता किये बिना ही इतिहास लेखक को इतिहास लिखना चाहिए और समय की जानकारी को विशुद्ध और सत्य रूप में ही प्रस्तुत करना चाहिए।

Veer Savarkar Quotes in Hindi
4. हमारे देश और समाज के माथे पर एक कलंक है – अस्पृश्यता। हिन्दू समाज के, धर्म के, राष्ट्र के करोड़ों हिन्दू बन्धु इससे अभिशप्त हैं। जब तक हम ऐसे बनाए हुए हैं, तब तक हमारे शत्रु हमें परस्पर लड़वाकर, विभाजित करके सफल होते रहेंगे। इस घातक बुराई को हमें त्यागना ही होगा।

वीर सावरकर के अनमोल विचार
5. कर्तव्य की निष्ठा संकटों को झेलने में, दुःख उठाने में और जीवनभर संघर्ष करने में ही समाविष्ट है। यश अपयश तो मात्र योगायोग की बातें हैं।

Veer Savarkar Thoughts In Hindi
6. कष्ट ही तो वह शक्ति है जो इंसान को कसौटी पर परखती है और उसे आगे बढ़ाती है।

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वीर सावरकर के अनमोल विचार
7. दुसरो का समान करने की शक्ति रखने वालों में ही मैत्री संभव है।

31 Veer Savarkar Quotes in Hindi | वीर सावरकर के अनमोल विचार - Veer Savarkar Ke Vichar
Veer Savarkar Quotes in Hindi

Veer Savarkar Quotes in Hindi
8. महान हिन्दू संस्कृति के भव्य मन्दिर को आज तक पुनीत रखा है संस्कृत ने। इसी भाषा में हमारा सम्पूर्ण ज्ञान, सर्वोत्तम तथ्य संगृहीत हैं। एक राष्ट्र, एक जाति और एक संस्कृति के आधार पर ही हम हिन्दुओं की एकता आश्रित और आघृत है।

Veer Savarkar Hindi Quotes – वीर सावरकर के अनमोल विचार

9. अन्याय का जड़ से उन्मूलन कर सत्य धर्म की स्थापना हेतु क्रांति, प्रतिशोध आदि प्रकृतिप्रदत्त साधन ही हैं। अन्याय के परिणामस्वरूप होने वाली वेदना और उद्दण्डता ही तो इन साधनों का नियन्त्रण करती है।
Veer Savarkar Thoughts In Hindi
10. देशभक्ति का अर्थ यह कदापि नहीं है कि आप उसकी हुडियाँ भुनाते रहें। यदि क्रांतिकारियों को देशभक्ति की हुडियाँ भुनानी होतीं तो वीर हुतात्मा धींगरा, कन्हैया कान्हेरे और भगत सिंह जैसे देशभक्त फांसी पर लटककर स्वर्ग की पूण्य भूमि में प्रवेश करने का साहस न करते। वे ‘ए’ क्लास की जेल में मक्खन,
डबलरोटी और मौसम्बियों का सेवन कर, दो-दो माह की जेल यात्रा से लौट कर अपनी हुडियाँ भुनाते दिखाई देते।
वीर सावरकर के अनमोल विचार
11. परतंत्रता तथा दासता को प्रत्येक धर्म ने सर्वदा धिक्कारा है। धर्म के उच्छेद और ईश्वर की इच्छा के खंडन को ही परतन्त्रता कहते हैं। सभी परतंत्रताओं से नीच परतंत्रता है, राजनीतिक परतंत्रता और यही नर्क का द्वार है।
Veer Savarkar Quotes in Hindi
12. मन, सृष्टि के विधाता द्वारा मानव-जाति को प्रदान किया गया एक ऐसा उपहार है, जो मनुष्य के परिवर्तनशील जीवन की स्थितियों के अनुसार स्वयं अपना रूप और आकार भी बदल लेता है।
Veer Savarkar Thoughts In Hindi
13. समय से पूर्व कोई मृत्यु को प्राप्त नहीं करता और जब समय आ जाता है तो कोई अर्थात कोई भी इससे बच नहीं सकता। हजारों लाखों बीमारी से ही मर जाते हैं, पर जो धर्मयुद्ध में मृत्यु प्राप्त करते हैं, उनके लिए तो अनुपम सौभाग्य की बात है। ऐसे लोग तो पुण्यात्मा ही होते हैं।
Veer Savarkar Thoughts In Hindi
14. अपने देश की, राष्ट्र की, समाज की स्वतन्त्रता – हेतु प्रभु से की गई मूक प्राथर्ना भी सबसे बड़ी अहिंसा का द्दोतक है.
वीर सावरकर के अनमोल विचार
15. मनुष्य की सम्पूर्ण शक्ति का मूल उसके खुद की अनुभूति में ही विद्यमान है।
Veer Savarkar Quotes in Hindi
16. हिन्दू जाति की गृहस्थली है, भारत; जिसकी गोद में महापुरूष, अवतार, देवी-देवता और देवजन खेले हैं। यही हमारी पितृभूमि और पुण्यभूमि है। यही हमारी कर्मभूमि है और इससे हमारी वंशगत और सांस्कृतिक आत्मीयता के सम्बन्ध जुड़े हैं।

वीर सावरकर के प्रेरक कथन

17. इतिहास, समाज और राष्ट्र को पुष्ट करनेवाला हमारा दैनिक व्यवहार ही हमारा धर्म है. धर्म की यह परिभाषा स्पष्ट करती है कि कोई भी मनुष्य धर्मातीत रह ही नहीं सकता. देश इतिहास, समाज के प्रति विशुद्ध प्रेम एवं न्यायपूर्ण व्यवहार ही सच्चा धर्म है।
वीर सावरकर के हिंदी कोट्स
18. कर्तव्य की निष्ठा संकटों को झेलने में, दुःख उठाने में और जीवन – भर संघर्ष करने में ही समाविष्ट है. यश – अपयश तो मात्र योगायोग की बातें हैं.
वीर सावरकर के अनमोल विचार
19. हमारी पीढी ऐसे समय में और ऐसे देश में पैदा हुई है कि प्रत्येक उदार एवं सच्चे हृदय के लिए यह बात आवश्यक हो गई है कि वह अपने लिए उस मार्ग का चयन करे जो आहों, सिसकियों और विरह के मध्य से गुजरता है. बस,यही मार्ग कर्म का मार्ग है.

Veer Savarkar Quotes in Hindi
20. प्रतिशोध की भट्टी को तपाने के लिए विरोधों और अन्याय का ईंधन अपेक्षित है, तभी तो उसमें से सद्गुणों के कण चमकने लगेगें. इसका मुख्य कारण है कि प्रत्येक वस्तु अपने विरोधी तत्व से रगड खाकर ही स्फुलित हो उठता है.
Veer Savarkar Thoughts In Hindi
21. मन सृष्टि के विधाता द्वारा मानव-जाति को प्रदान किया गया एक ऐसा उपहार है, जो मनुष्य के परिवर्तनशील जीवन की स्थितियों के अनुसार स्वयं अपना रूप और आकार भी बदल लेता है.
Veer Savarkar Quotes in Hindi
22. अन्याय का जड़ से उन्मूलन क्र सत्य –धर्म की स्थापना – हेतु क्रांति, रक्तचाप प्रतिशोध आदि प्रकृतिप्रदत्त साधन ही हैं. अन्याय के परिणामस्वरूप होनेवाली वेदना और उद्दण्डता ही तो इन साधनों की नियन्त्रणकत्री है.

वीर सावरकर के अनमोल विचार
23. ज्ञान प्राप्त होने पर किया गया कर्म सफलतादायक होता है, क्योंकि ज्ञान युक्त कर्म ही समाज के लिए हितकारक है। ज्ञान प्राप्ति जितनी कठिन है, उससे अधिक कठिन है, उसे संभाल कर रखना। मनुष्य तब तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठा सकता यदि उसमें राजनीतिक, ऐतिहासिक, अर्थशास्त्रीय एवं शासनशास्त्रीय ज्ञान का अभाव हो।

Veer Savarkar Quotes in Hindi
24. हिन्दू धर्म कोई ताड़पत्र पर लिखित पोथी नहीं जो ताड़पत्र के चटकते ही चूर चूर हो जायेगा, आज उत्पन्न होकर कल नष्ट हो जायेगा। यह कोई गोलमेज परिषद का प्रस्ताव भी नहीं, यह तो एक महान जाति का जीवन है; यह एक शब्द-भर नहीं, अपितु सम्पूर्ण इतिहास है। अधिक नहीं तो चालीस सहस्त्राब्दियों का इतिहास इसमें भरा हुआ है।

वीर सावरकर के हिंदी कोट्स

25. जिस राष्ट्र में शक्ति की पूजा नहीं, शक्ति का महत्व नहीं, उस राष्ट्र की प्रतिष्ठा कौड़ी की कीमत की है। प्रतिष्ठा के न होने का प्रमाण है, पड़ोसी देश लंका, पूर्वी पकिस्तान, पश्चिमी पकिस्तान में हिन्दुओं के साथ हो रहा दुर्व्यहार, जिसके लिए भारत सरकार मात्र विरोध पत्र ही भेज सकती है, कर कुछ नहीं सकती।

Veer Savarkar Quotes in Hindi
26. प्रतिशोध की भट्टी को तपाने के लिए विरोधों और अन्याय का ईंधन अपेक्षित है, तभी तो उसमें से सद्गुणों के कण चमकने लगेगें। इसका मुख्य कारण है कि प्रत्येक वस्तु अपने विरोधी तत्व से रगड खाकर ही स्फुलित हो उठती है।

Veer Savarkar Thoughts In Hindi
27. अगर संसार को हिन्दू जाति का आदेश सुनना पड़े, ऐसी स्थिति उपस्थित होने पर, उनका वह आदेश गीता और गौतम बुद्ध के आदेशों से भिन्न नहीं होगा

Veer Savarkar Quotes in Hindi
28. ब्राह्मणों से चाण्डाल तक सारे के सारे, हिन्दू समाज की हड्डियों में प्रवेश कर, यह जाति का अहंकार उसे चूस रहा है और पूरा हिन्दू समाज इस जाति अहंकारगत द्वेष के कारण जाति कलह के यक्ष्मा की प्रबलता से जीर्ण शीर्ण हो गया है।

वीर सावरकर के अनमोल विचार
29. पतितों को ईश्वर के दर्शन उपलब्ध हों, क्योंकि ईश्वर पतित पावन जो है। यही तो हमारे शास्त्रों का सार है। भगवद दर्शन करने की अछूतों की माँग जिस व्यक्ति को बहुत बड़ी दिखाई देती है, वास्तव में वह व्यक्ति स्वयं अछूत है और पतित भी, भले ही उसे चारों वेद कंठस्थ क्यों न हों।

वीर सावरकर के हिंदी कोट्स
30. देश-हित के लिए अन्य त्यागों के साथ जन-प्रियता का त्याग करना सबसे बड़ा और ऊँचा आदर्श है, क्योंकि – “वर जनहित ध्येयं केवल न जनस्तुति” शास्त्रों में उपयुक्त ही कहा गया है।

Veer Savarkar Quotes in Hindi
31. उन्हें शिवाजी को मनाने का अधिकार है, जो शिवाजी की तरह अपनी मातृभूमि को आजाद कराने के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं।

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